18th January 1929 - 05th January 2016
Vayadhammā sañkhārā, Appamādena sampādetha.
"All conditioned things are transitory. That which is created will be destroyed.
(Practicing Vipassana meditation) Experience this truth yourself (within yourself) by being mindful."
(Practicing Vipassana meditation) Experience this truth yourself (within yourself) by being mindful."
Demise of Pujya Mataji Vipassana Acharya Smt. Illaichidevi Goenkaji
Wife of Padma Bhushan Global Vipassana Acharya Shri
Satyanarayan Goenkaji, Mrs Illaichideviji has passed away peacefully at
the age of 86 on Tuesday, 5th January, 2016 at 11.15 A.M.
The funeral procession will start by paying Last Respect: 10am to
11am and leave from Mayfair Meridian (Next to Filmalaya Studio, near
Amboli Church), Ceasar Road, Andheri (W), Mumbai, India, at 11.00 A.M.
on Wednesday, 6th January 2016 and proceed to Oshiwara Electric
Crematorium, Relief Road, Oshiwara, Opposite Ghaswala Compound,
Jogeshwari (W), Mumbai,India.
Metta Meet
Group Mediation from 4 to 5pm and Metta Meet from 5 to 7pm for all,
will be held on Friday 8th January 2016 at Jalaram Hall, N. S. Road No.
6, Juhu Scheme, JVPD, Opp. Joggers Park, behind Jamnabai School, Next to
Kanbai Lalbai Girls High School, Vile Parle (W), Mumbai - 400 056.
With Respectful Vandan,
Vipassana Research Institute
वयधम्मा सङ्खारा, अप्पमादेन सम्पादेथ।
--- सारे संस्कार व्ययधर्मा हैं। जो कुछ संस्कृत यानी निर्मित होता है वह नष्ट होता ही है। (विपश्यना साधना द्वारा) प्रमाद रहित रह कर (अपने भीतर) इस सच्चाई को स्वानुभूति पर उतारो।
--- सर्व संस्कार व्ययधर्मा आहे. जे काही संस्कृत म्हणजे निर्मित होत आहे, ते नष्ट होतेच. (विपश्यना साधना द्वारा) प्रमाद रहीत राहून, हे सत्य स्वतः अनुभवा.
--- महापरिनिब्बानसुत्तं-185
.--- सारे संस्कार व्ययधर्मा हैं। जो कुछ संस्कृत यानी निर्मित होता है वह नष्ट होता ही है। (विपश्यना साधना द्वारा) प्रमाद रहित रह कर (अपने भीतर) इस सच्चाई को स्वानुभूति पर उतारो।
--- सर्व संस्कार व्ययधर्मा आहे. जे काही संस्कृत म्हणजे निर्मित होत आहे, ते नष्ट होतेच. (विपश्यना साधना द्वारा) प्रमाद रहीत राहून, हे सत्य स्वतः अनुभवा.
विपश्यना आचार्या परम पूज्य माताजी श्रीमती इलायचीदेवी गोयन्का का निधन
पद्मभूषण विश्व विपश्यना आचार्य श्री सत्यनारायण गोयन्काजी यांच्या
धर्मपत्नी विपश्यना आचार्या श्रीमती इलायचीदेवी यांचे वयाच्या 86 वर्षी
दिनांक 5 जानेवारी, 2016, मंगलवार रोजी सकाऴी 11.15 बजे बहुत शांतिपूर्वक
हुई। आज विपश्यना 94 से अधिक देशों में, 170 से अधिक विपश्यना केंद्रों और
विश्वभर की 59 भाषाओं में निःशुल्क (फ्री) सिखायी जाती है। इंगलैंड, जापान,
बोत्सवाना, ब्राजील, मैक्सिको से अमेरिका, इजरायल तक के सभी देशों के
अधिकाधिक लोग विपश्यना से लाभान्वित हो रहे हैं और आगे कई सदियों तक होते
रहेंगे। आओ, जगत के लोगो विपश्यना से अपने जीवन में सुख-शांति लाएं और विश्व में फैलाएं। अधिक से अधिक लोगों को सुखी बनाएं। अंतिम यात्रा दिनांक 6 जनवरी, दिन बुधवार की सुबह 11 बजे मेफेयर मेरीडियन,
फिल्मालय स्टूडियो के पास, अंबोली से विद्युत दाहिनी, ओशिवरा ब्रिज के
पास, रिलीफ रोड (घासवाला कंपाउंड के सामने) जोगेश्वरी (प.), मुंबई तक
जायगी।
भवदीय,
ग्लोबल विपश्यना फाउंडेशन और विपश्यना विशोधन विन्यास की ओर से।
मैत्री सभा (प्रार्थना सभा)
दिन- शुक्रवार 8 जनवरी, 2016,
समय- सामूहिक साधना- सायं 4 से 5 बजे तक तथा मैत्री सभा- 5 से 7 बजे तक
स्थान- जलाराम हॉल, नार्थ-साउथ रोड नं. 6, जुहू स्कीम, जे.वी.पी.डी. जॉगर्स
पार्क के सामने, जमनाबाई हाई स्कूल के पीछे, विले पारले, मुंबई-400056
में निश्चित की गयी है।